
01 मई 2025 को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात दिवस और महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित मिलन समारोह को संबोधित किया: गृह मंत्रालय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक यमुना नदी के जल को शुद्ध करने और साबरमती की तर्ज पर दिल्ली में रिवरफ्रंट बनाने के लिए कदम उठाए हैं
यमुना का शुद्धिकरण न सिर्फ दिल्लीवासियों और पड़ोसी राज्यों के लिए बल्कि श्रीकृष्ण और यमुना जी के प्रति श्रद्धा रखने वाले सभी लोगों के बहुत महत्वपूर्ण
गुजरात व महाराष्ट्र ने बिना कटुता के तंदुरुस्त स्पर्धा के साथ अपने विकास के माध्यम से देश का विकास करने का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है
वायब्रेंट गुजरात और मैग्नीफिसेंट महाराष्ट्र देश के विकास के मज़बूत स्तंभ हैं
मोदी जी ने जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संकल्प लिया है, उसी का परिणाम है कि आज हर भाषा और संस्कृति एक दूसरे की ताकत बनी हैं
व्यक्ति अगर मन से ठान ले कि बिखराव लाने वाली हर चीज़ को समाप्त करना है तो उसका आदर्श उदाहरण मोदी जी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना देकर किया है
गुजरात और महाराष्ट्र ने अपनी विरासत को संभालते हुए आधुनिकता को भी स्वीकारा और देश की एकता और अखंडता में भी बहुत बड़ा योगदान दिया
छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि महाराष्ट्र ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्वभाषा, स्वराज और स्वधर्म का झंडा बुलंद किया
अनेक मजबूत साम्राज्यों ने गुजरात में जन्म लिया और आज़ादी की लड़ाई में गांधी जी और सरदार साहब ने आज़ादी के पूरे आंदोलन को आकार देने का काम किया
नई दिल्ली (PIB): 01 मई 2025 को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात दिवस और महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित मिलन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना, केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक यमुना नदी के जल को शुद्ध और पवित्र करने और दिल्ली में साबरमती की तर्ज पर एक रिवरफ्रंट बनाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यमुना का शुद्धिकरण न सिर्फ दिल्लीवासियों और पड़ोसी राज्यों के लिए बल्कि श्रीकृष्ण और यमुना जी के प्रति श्रद्धा रखने वाले सभी भारतीयों के लिए बहुत महत्व रखता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र ने बिना कटुता के एक राज्य में से बने दो राज्यों के बीच स्वस्थ स्पर्धा और एक दूसरे का सम्मान करते हुए अपने साथ -साथ देश का विकास कैसे कर सकते हैं, इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हर राज्य की सीमा, भाषा और संस्कृति को झगड़े का कारण बनाकर देश को तोड़ने वाले अपनी मंशा में सफल हो रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इन सभी विचारों को नाकाम करते हुए एक भारत, श्रेष्ठ भारत का जो संकल्प लिया है उसके परिणामस्वरूप आज हर भाषा और संस्कृति एक दूसरे से ताकत लेती है।
श्री अमित शाह ने कहा कि मराठी और गुजराती के बीच कोई स्पर्धा नहीं है और दोनों अपनी अपनी जगह महान भाषाएं हैं। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति मन से ठान ले कि बिखराव लाने वाली हर चीज़ को समाप्त करना है तो उसका आदर्श उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना देकर किया है। श्री शाह ने कहा कि 1 मई, 1960 को मुंबई राज्य से दो राज्यों का जन्म हुआ, एक बना गौरवशाली गुजरात और दूसरा बना महान महाराष्ट्र। दोनों राज्यों का अनेक वर्षों से देश की हर समस्या को सुलझाने और विकास को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वीर छत्रपति की भूमि महाराष्ट्र ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बाजीराव पेशवा से लेकर महाराष्ट्र के अन्य सेनानायकों ने मुगलों को मज़बूत टक्कर देकर स्वभाषा, स्वराज और स्वधर्म का झंडा बुलंद किया। उन्होंने कहा कि पूर्ण स्वराज की सबसे पहली कल्पना युवा शिवाजी महाराज ने रखी और जब अंग्रेज़ों का शासन आया तब स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है को लोकमान्य बाल गंगधार तिलक महाराज ने आगे बढ़ाया। श्री शाह ने कहा कि भक्ति आंदोलन हो या सामाजिक सुधार का प्रगतिशील मार्ग, ज्योतिबा फुले, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी, सभी ने न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर जी एक अनन्य देशभक्त के रूप में देशभर के करोडों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बने।
अमित शाह ने कहा कि गुजरात श्रीकृष्ण की कर्मभूमि और स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जन्मभूमि रहा। उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार के मज़बूत साम्राज्यों ने गुजरात में जन्म लिया और महात्मा गांधी तथा सरदार पटेल ने आज़ादी के पूरे आंदोलन को आकार देने का काम किया। आज़ादी के बाद विकास और देश को एक कर और मज़बूती से जोड़कर दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ही भारत आज इतना लंबा सफर तय कर सका है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत के विकास में गुजरात और महाराष्ट्र का योगदान आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद बहुत बड़ा रहा है। आज महाराष्ट्र में गरबा भी उतने ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और गुजरात में गणेश उत्सव के दौरान सम्मान के साथ घर घर गणपति लाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। श्री शाह ने कहा कि दोनों राज्य देश के आर्थिक विकास का बहुत मज़बूत स्तंभ बनकर खड़े हैं। महाराष्ट्र हमेशा से देश की आर्थिक राजधानी रहा है और आज भी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात की जीएसडीपी भी 30 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी है और वह देश का तीसरा संबसे बड़ा अर्थतंत्र है। गुजरात में सबसे बड़ा बंदरगाह, सबसे बड़ी रिफायनरी, एशिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क, सबसे पहली बुलेट ट्रेन, सबसे पहली गिफ्ट सिटी और अब धोलेरा स्मार्ट सिटी भी गुजरात में बन रही है। वायब्रेंट गुजरात और मैग्नीफिसेंट महाराष्ट्र देश के विकास के मज़बूत स्तंभ बने हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में दोनों राज्यों ने 2047 तक अपने विकास के रोडमैप का खाका फाइनल कर दिया है।
अमित शाह ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र ने अपनी विरासत को संभालते हुए आधुनिकता को स्वीकार करने के साथ ही देश की एकता और अखंडता में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की महान भारत की कल्पना में राज्यों के बीच विकास की स्वस्थ स्पर्धा और उसके माध्यम से देश के विकास के सूत्र को दोनों राज्यों ने स्वीकार किया है। श्री शाह ने कहा कि 2047 में जब भारत एक विकसित देश बनेगा तब गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों का इसमें सबसे अधिक योगदान होगा।
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