मानवीयता का उदीप्त दीपक है व्हाट्सएप्प ग्रुप पटना हाईस्कूल - 85: अनिल कुमार श्रीवास्तव
नोएडा: आभासी दुनिया मे तमाम तरह के लोग सक्रिय हैं। कुछ लोग इसे वरदान मानकर इसका सकारात्मक सार्थक प्रयोग कर रहे हैं। उन्ही में से एक है पटना हाईस्कूल 85। मानवीय सरोकारों से जुड़कर सहयोग, समर्पण व सेवा के उद्देश्य से सृजित इस समूह ने अपने प्रेरणादायी कार्यो से देश ही और भी कई मुल्कों में एकता व सहायता की नजीर पेश की है।
उल्लेखनीय है कि जब अदृश्य राक्षस वैश्विक स्तर पर पांव पसार कर तबाही का मूड बना चुका था तब अपने मैट्रिककाल के मित्रों को एकत्र करते हुए पटना हाईस्कूल के 1985 बैच के स्टूडेंट्स को जोड़कर दुबई से मुकेश सिन्हा ने इस ग्रुप की 2 अप्रैल 2020 में स्थापना की थी।ग्रुप की मित्रमाला में 1985 हाईस्कूल पासआउट पीएचएस 189 स्टूडेंट्स, जो अब आईएएस, आर्मी, पुलिस, राजनीति, बैंक आदि क्षेत्रों में जुड़कर देश विदेशों में सेवाएं दे रहे हैं, को चुन चुन कर अनमोल मोती के रूप में पिरोया था। दैहिक दूरी के इस दौर में यह ग्रुप इन मित्रों के लिए वरदान साबित हुआ। दूर बैठकर भी एक दूसरे के सुख दुःख में शरीक होने कुशल क्षेम का भी अवसर मिला। अन्य देशों में सेवाएं दे रहे मित्रों को अपने वतन से जोड़ने का भी काम किया इस ग्रुप ने।
दुःख की बात यह रही कि बीते एक साल के इस महामारी के दौर में ग्रुप ने 3 अपने खोए हैं।
गत वर्ष मई माह में समूह सदस्य अजय मिश्र के लिए ग्रुप सदस्यों ने लगभग एक लाख से अधिक धनराशि तक जुटा ली और इलाज में कोई कोर कसर नही छोड़ी लेकिन उन्हें बचाया नही जा सका। इसके अलावा ग्रुप सदस्य प्रसिद्ध बनारस के आईएएस अजय कुमार सिंह भी अपने बड़े नाम पर पूर्ण विराम लगाते हुए ग्रुप से ही नही दुनिया से रुखसत हो गए।तीसरे बेहद मृदुल स्वभाव के मालिक नवीन कुमार सिन्हा भी काल कवलित हो गए।
समूह मित्रों के प्रेरणादायी प्रयासों के बावजूद इन तीन मित्रों को बचाया नही जा सका, नम आंखों से नमन करते हुए ग्रुप की इन अपूर्णीय क्षतियों से आज भी ग्रुपवासी गमजदा हैं। ग्रुप सदस्यों ने मिलकर इन दिवंगत मित्रों का मोमेंटो यादगार के रूप में परिजनों को भेंट किया है।
स्वभाव से सेवी समूह संथापक श्री सिन्हा के प्रेरणादायी कार्यो को लिखना तो जैसे सूरज को दीया दिखाने वाली बात होगी। व्यवसायिक कारणों से बेशक सरहद पार रहे हों लेकिन उनका दिल हमेशा इंडिया में रहा है। आपदाकाल तो अभी दो वर्षों से आया है लेकिन उनकी सेवा दशकों से अनवरत जारी है। क्षुधा तृप्ति सेवा हो या मरीज सहायता, बृद्ध, निरीह, निराश्रितों के लिए तो वह समय समय पर निःस्वार्थ प्रयासरत रहते ही हैं और इस व्हाट्सएप्प ग्रुप में भी कई सेवी मानवीय मूल्यों को सहेजते आसानी से देखे जा सकते हैं।
{अनिल कुमार श्रीवास्तव}
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