
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी दी: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय
*सेमीकंडक्टर मिशन: निरंतर गति*
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत एक और सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को मंजूरी दे दी।
पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां पहले से ही निर्माण के उन्नत चरणों में हैं। इस छठी इकाई के साथ, भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ रहा है।
आज स्वीकृत इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है। एचसीएल का हार्डवेयर विकसित करने और विनिर्माण का लंबा इतिहास रहा है। फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में एक वैश्विक प्रमुख कंपनी है। वे मिलकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण या YEIDA में जेवर हवाई अड्डे के पास एक संयंत्र स्थापित करेंगे।
यह संयंत्र मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले अन्य उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा।
इस प्लांट को 20,000 वेफर्स प्रति माह के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसकी उत्पादन क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह है।
सेमीकंडक्टर उद्योग अब पूरे देश में आकार ले रहा है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं स्थापित हो चुकी हैं। राज्य सरकारें डिजाइन फर्मों को बढ़ावा देने के लिए जोर-शोर से प्रयास कर रही हैं।
270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों के विकास के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक छात्रों द्वारा विकसित 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली द्वारा टेप किया गया है।
आज स्वीकृत नई सेमीकंडक्टर इकाई में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
जैसे-जैसे देश सेमीकंडक्टर की यात्रा में आगे बढ़ रहा है, इको सिस्टम पार्टनर्स ने भी भारत में अपनी सुविधाएं स्थापित की हैं। एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता हैं। दोनों की अब भारत में मौजूदगी है। मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई अन्य गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता हमारे सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए कमर कस रहे हैं।
भारत में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, चिकित्सा उपकरण, बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, यह नई इकाई प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को और आगे बढ़ाएगी।
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