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केंद्र सरकार द्वारा किये गये गन्ने की मूल्य बढ़ोत्तरी को लेकर किसानों में आक्रोश - गन्ने का मूल्य 374/- प्रति कुन्तल करने की किसान यूनियन ने की मांग!
कुशीनगर / लखनऊ: भारत सरकार के आर्थिक मामलों की मंत्रियमंडलीय समिति (सीसीईए) के द्वारा गन्ने का लागत मूल्य 155/- रूपये प्रति कुन्तल की दर से 87.01% एफआरपी उत्पादन लागत से बढ़ाकर 290/- रूपये प्रति क्विण्टल करने का बिरोध करते हुए मांग की गयी कि, गन्ने का मूल्य 374/- प्रति कुन्तल किया जाय और इस मांग से सम्बंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रेषित किया गया।
उत्पादन लागत 200/= प्रति क्विण्टल के आधार पर 87.01% एफआरपी बढ़ाकर गन्ने का मूल्य 374/- प्रति कुन्तल करने की किसान यूनियन की मांग का समर्थन "समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव" ने किया तथा किसानों को उनके आंदोलन में पूर्ण सहभागिता के लिए आश्वस्त करते हुए किसानों का आह्वाहन किया कि, वे अपने प्रतिनिधियों को आगामी विधान सभा चुनाव - 2022 में समतामूलक समाज निर्माण मोर्चे के साथ सहभागिता कर के खड़ा करें और आर्थिक आतंकवाद को प्रदेश और देश से बाहर खदेड़े, क्योंकि परिवर्तन का, विकाश का और अपने परिवार से प्रदेश और देश को समृद्धिशाली बनाने का यही एक विकल्पऔर यही एक रास्ता बचा है।
भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष, कुशीनगर रामचन्द्र सिंह ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, अभी कुछ दिन पूर्व आर्थिक मामलों की मंत्रियमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा फैसला किया गया है की पेराई सत्र 2021-22 के लिये किसानों के गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 290/- रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है जो पिछले पेराई सत्र 2020-21 में 270.75 रूपये प्रति कुन्तल था अब उसे बढ़ाकर पेराई सत्र 2021-22 में 275.50 रूपये प्रति कुन्तल की बढ़ोत्तरी की है जो सिर्फ 4.75 रूपये सिर्फ बढ़ाया गया है। सरकारी आकड़ें के अनुसार एक कुन्तल गन्ने की पैदावार करने में 155/- रूपये की लागत दर्शाया गया है जो इस महंगाई में सम्भव नही है।
इस सरकारी आंकड़े की जमीनी परताल 'भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष, कुशीनगर- रामचन्द्र सिंह' द्वारा गाँव-गाँव जाकर किसानों से संपर्क करके किया।
इस पड़ताल में किसानों द्वारा बताया गया एक कुन्तल गन्ने की पैदावार करने के लिये लगभग 200/- प्रति कुन्तल के हिसाब से इस समय लागत आ रहा है।
रामचंद्र सिंह ने बताया कि, केंद्र की सरकार ने अपने आर्थिक मामलों की मंत्रियमंडलीय समिति (सीसीईए) के द्वारा गन्ने का लागत मूल्य 155/- रूपये प्रति कुन्तल की दर से 87.01% एफआरपी उत्पादन लागत से बढ़ाकर 290/- रूपये प्रति कुन्तल किया है उसका खुलकर विरोध हमारा संगठन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि, इसी बिरोध के क्रम में आज दिनाँक 28 अगस्त 2021 दिन शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (अ) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सम्बन्धित एक ज्ञापन कोमल यादव, उपजिलाधिकारी कप्तानगंज को सौपते हुए माँग की गयी है कि, केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रियमंडलीय समिति (सीसीईए) के द्वारा गन्ने का लागत मूल्य जो 155/- रूपये प्रति कुन्तल की दर से 87.01% एफआरपी उत्पादन लागत से बढ़ाकर 290/- रूपये प्रति कुन्तल किया है उसको 200/- प्रति कुन्तल की दर पर 87.01% एफआरपी उत्पादन लागत बढ़ाकर 374/- प्रति कुन्तल किया जाय, जो किसान हित मे होगा।
जिलाध्यक्ष किसान यूनियन (अ) ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, "यदि किसानों की मांग के ऊपर केन्द्र सरकार आनाकानी करती है तो यूनियन के सामने आंदोलन करने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचेगा और सरकार ने किसानों को आंदोलन करने पर बाध्य किया तो, उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री और शासन-प्रशासन की होगी।
उपजिलाधिकारी को उक्त ज्ञापन सौंपते समय 'जिला सचिव- चेतई प्रसाद, तहसील अध्यक्ष- रामप्यारे शर्मा, सोहन, और जीरा यादव के साथ बहुत से किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे।